बैजनाथ पंवार
पिता: श्री डूंगरमल पंवारजन्म तिथि : श्रावण कृष्णा 7, वि.सं. 1981
जन्म स्थान : रतननगर (चूरू)
शिक्षा : इंटर, साहित्य-रत्न
सम्प्रति :
सैंतीस वर्ष राजकीय सेवा में विभिन्न पदों पर कार्य करने के पश्चात् सेवानिवृत्त। वर्तमान में साहित्य सूजन, विभिन्न साहित्यिक, शैक्षणिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़ाव।
रुचि :
लगभग 60 वर्षों से प्रौढ़ शिक्षा का प्रचार-प्रसार। जिला साक्षरता समिति, चूरू के सदस्य। स्कूलों हेतु भवन निर्माण, वृक्षारोपण। छात्राओं हेतु छात्रवृति की व्यवस्था में सतत् संलग्न।
लेखन :
प्रकाशित पुस्तकें :
राजस्थानी:-
- अकल बिना ऊंट उभाणों,
- लाडेसर,
- नैणां खूट्यो नीर,
- ओळखाण,
- जीवता जागता चितराम,
- गदीड़।
- हिन्दी लगभग दस पुस्तकें।
फुटकर प्रकाशन :-
प्रमुख पत्र-पत्रिकाएं जिनमें रचनाएं जिनमें रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं-
- दीपक,
- मरुवाणी,
- ओळमों,
- सैनी मित्र,
- पारीक,
- कुरजां,
- मतवाला,
- मरुश्री,
- हरावळ,
- जलम भोम,
- जागती जोत,
- मधुमती,
- बिणजारो,
- राजस्थली,
- लोक बिगुल,
- माणक,
- समाज विकास,
- नैणसी आदि।
उल्लेखनीय :-
डॉ. मदन सैनी (बीकानेर विश्वविद्यालय, बीकानेर) के निर्देशन में महेश कुमार राजपुरोहित द्वारा 'श्री बैजनाथ पंवार के संस्मरण : एक अध्ययन` लघुशोध प्रबंध।
पुरस्कार एवं मान-सम्मान :-
- श्री विष्णु हरि डालमिया पुरस्कार, राजस्थानी भारती, नई दिल्ली
- पीथळ पुरस्कार, राजस्थान साहित्य अकादमी-संगम, उदयपुर
- साहित्य सम्मान एवं पुरस्कार, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर
- सीताराम लाळस सम्मान, महात्मा ज्योतिराव फुले सत्यशोधक संस्थान, जोधपुर
- पं. बृजमोहन जोशी स्मृति पुरस्कार, द्वारका सेवा निधि ट्रस्ट, जयपुर
- श्री सरस्वती सेवा पुरस्कार, बजरंगलाल नरेन्द्रकुमार धानुका, फतेहपुर-शेखावाटी
- श्री कन्हैयालाल सेठिया मायड़ भाषा पुरस्कार, छोटी खाटू
- डी.आर.लिट् मानद उपाधि, राजस्थानी विकास मंच, जालोर
- अमृत महोत्सव पर चूरू जनपद के साहित्यकारों, शिक्षाविदों एवं समाजसेवियों द्वारा अभिनंदन ग्रंथ भेंट।
- लगभग दो दर्जन संस्थाओं से अभिनंदन एवं प्रशस्ति पत्र प्राप्त।
- दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से लगातार प्रसारण।
- राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर के पूर्व सदस्य एवं पुरस्कारों के निर्णायक।
- जिला कलेक्टर्स, चूरू द्वारा विभिन्न कार्यों हेतु ६ बार प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार।
- लोक शिक्षण समिति, श्रीडूंगरगढ़ की स्थापना अपे्रल, १९५१ ई. में की; जिसके अंतर्गत बाल भारती द्वारा छात्राओंहेतु सेकण्डरी स्कूल संचालित।
- महाराणा प्रताप विद्यापीठ, श्रीडूंगरगढ़ के संस्थापक एवं आजीवन सदस्य।
- श्रीडूंगरगढ़ महाविद्यालय के संचालक महेश चेरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी।
- वर्द्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा की राजस्थानी पाठ्यक्रम विशेषज्ञ समिति के सदस्य।
पता :
वार्ड नं. 22, नटराज होटल के सामने,
धर्मस्तूप के पास,
चूरू-331001
फोन :
01562-253342